हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसी कई स्थितियां निर्मित होती हैं, जो पूरी तरह से असंगत या अतार्किक कही जा सकती हैं। जरूर उसके पीछे कोई तो तर्क होता ही होगा, मगर समझ में नही आता कि ऐसा होता क्यों है? आइये, इन पर नजर डालते हैं:-
1. आपने देखा होागा कि जब भी हमें किसी जगह नियम समय पर पहुंचना होता है और हम घर से निकलते समय थोड़ा लेट हो जाते हैं तो गंतव्य स्थान पर पहुंचने में अनपेक्षित बाधाएं आती हैं। जितना झल्लाते हैं व जल्दी करते हैं, उतना ही लेट हो जाते हैं, कोई वाहन आगे आ जाएगा, कोई गाय, सुअर, कुत्ता आड़े आ जाएगा। इसके विपरीत जब हम समय पर निकलते हैं या समय से पहले निकलते हैं तो रास्ते में कोई बाधा नहीं आती। रास्ता बिलकुल साफ मिलता है।
2. कई बार ऐसा देखा होगा कि जैसे ही हम लंबी श्वास लेते हैं, ठीक उसी वक्त कोई मच्छर या मक्खी श्वास के साथ नाक में घुस जाती है।
3. अमूमन जब हम कोई ऐसा काम कर रहे होते हैं, जिससे हमारे हाथ गीले या सने हुए होते हैं, तो उसी वक्त नाक या चेहरे के किसी भाग कर खुजली होने लगती है।
4. ये समझ से बाहर है कि फोन नंबर सही मिलाने पर कदाचित एंगेज मिलता है, लेकिन रॉंग नंबर डायल हो जाता है तो वह कभी एंगेज नहीं मिलता, तुरंत मिल जाता है।
5. टेलीफोन, बिजली या पानी का बिल जमा करवाते वक्त जैसे ही हम पास वाली लाइन छोटी देख कर उसमें शामिल होते हैं, वह तो धीरे हो जाती है और पहली वाली लाइन जल्दी-जल्दी आगे बढऩे लगती है। हम पछताते हैं कि क्यों अपनी लाइन छोड़ कर दूसरी लाइन में जुड़े।
6. नहाते वक्त साबुन फिसल कर गिरता है तो वह आसपास गिरने की बजाय हमारी पकड़ से काफी दूर तक चला जाता है और हमें उसे पकडऩे के लिए उठना ही पड़ता है।
7. वाट्स ऐप पर गलती से कोई पोस्ट हो जाए तो उस वक्त नेट तेजी से चलता है और जब तक हम उसे डिलीट करें वह पोस्ट हो ही जाता है, जबकि जरूरी पोस्ट डालने पर नेट धीरे हो जाता है। डमरू घूमता ही रहता है।
8. मक्खन-बेड खाते वक्त यदि गलती से वह गिर जाए तो वही हिस्सा जमीन की ओर होता है, जिस तरफ मक्खन लगा होता है।
9. ध्यान करते वक्त जिस भी दृश्य को हम हटाना या भूलना चाहते हैं, वही बार-बार आता है। इससे जुड़ी एक कहानी भी है कि गुरु ने चेले से कहा कि ध्यान करते वक्त बंदर का ख्याल में मत लाना और होता ये है कि बार-बार बंदर ही ख्याल में आता है।
10. रास्ते में जिस किसी पत्थर या गड्ढे से बचना चाहते हैं तो उसी से भिड़ जाते हैं।
11. ईमानदार आदमी बेईमानों को खुश देख कर गलती से कभी लालच में आ कर थोड़ी सी भी बेईमानी करने लगता है तो तुरंत पकड़ा जाता है।
12. अशुभ काम करने में कोई बाधा नहीं आती, जबकि शुभ काम में अमूमन बाधा आती ही है। तभी तो शुभ काम के आरंभ में विघ्नहर्ता गणेशजी की पूजा की जाती है। शादी के कार्ड पर भी ऊपर ही ऊपर गणेशजी या स्वस्तिक का चित्र लगाते हैं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com
1. आपने देखा होागा कि जब भी हमें किसी जगह नियम समय पर पहुंचना होता है और हम घर से निकलते समय थोड़ा लेट हो जाते हैं तो गंतव्य स्थान पर पहुंचने में अनपेक्षित बाधाएं आती हैं। जितना झल्लाते हैं व जल्दी करते हैं, उतना ही लेट हो जाते हैं, कोई वाहन आगे आ जाएगा, कोई गाय, सुअर, कुत्ता आड़े आ जाएगा। इसके विपरीत जब हम समय पर निकलते हैं या समय से पहले निकलते हैं तो रास्ते में कोई बाधा नहीं आती। रास्ता बिलकुल साफ मिलता है।
2. कई बार ऐसा देखा होगा कि जैसे ही हम लंबी श्वास लेते हैं, ठीक उसी वक्त कोई मच्छर या मक्खी श्वास के साथ नाक में घुस जाती है।
3. अमूमन जब हम कोई ऐसा काम कर रहे होते हैं, जिससे हमारे हाथ गीले या सने हुए होते हैं, तो उसी वक्त नाक या चेहरे के किसी भाग कर खुजली होने लगती है।
4. ये समझ से बाहर है कि फोन नंबर सही मिलाने पर कदाचित एंगेज मिलता है, लेकिन रॉंग नंबर डायल हो जाता है तो वह कभी एंगेज नहीं मिलता, तुरंत मिल जाता है।
5. टेलीफोन, बिजली या पानी का बिल जमा करवाते वक्त जैसे ही हम पास वाली लाइन छोटी देख कर उसमें शामिल होते हैं, वह तो धीरे हो जाती है और पहली वाली लाइन जल्दी-जल्दी आगे बढऩे लगती है। हम पछताते हैं कि क्यों अपनी लाइन छोड़ कर दूसरी लाइन में जुड़े।
6. नहाते वक्त साबुन फिसल कर गिरता है तो वह आसपास गिरने की बजाय हमारी पकड़ से काफी दूर तक चला जाता है और हमें उसे पकडऩे के लिए उठना ही पड़ता है।
7. वाट्स ऐप पर गलती से कोई पोस्ट हो जाए तो उस वक्त नेट तेजी से चलता है और जब तक हम उसे डिलीट करें वह पोस्ट हो ही जाता है, जबकि जरूरी पोस्ट डालने पर नेट धीरे हो जाता है। डमरू घूमता ही रहता है।
8. मक्खन-बेड खाते वक्त यदि गलती से वह गिर जाए तो वही हिस्सा जमीन की ओर होता है, जिस तरफ मक्खन लगा होता है।
9. ध्यान करते वक्त जिस भी दृश्य को हम हटाना या भूलना चाहते हैं, वही बार-बार आता है। इससे जुड़ी एक कहानी भी है कि गुरु ने चेले से कहा कि ध्यान करते वक्त बंदर का ख्याल में मत लाना और होता ये है कि बार-बार बंदर ही ख्याल में आता है।
10. रास्ते में जिस किसी पत्थर या गड्ढे से बचना चाहते हैं तो उसी से भिड़ जाते हैं।
11. ईमानदार आदमी बेईमानों को खुश देख कर गलती से कभी लालच में आ कर थोड़ी सी भी बेईमानी करने लगता है तो तुरंत पकड़ा जाता है।
12. अशुभ काम करने में कोई बाधा नहीं आती, जबकि शुभ काम में अमूमन बाधा आती ही है। तभी तो शुभ काम के आरंभ में विघ्नहर्ता गणेशजी की पूजा की जाती है। शादी के कार्ड पर भी ऊपर ही ऊपर गणेशजी या स्वस्तिक का चित्र लगाते हैं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com
वाह! सर आपने वो लिखा है जो हर एक इंसान के जीवन में अक्सर घटित होता ही है, मैं जब पढ़ रहा था, तो मुझे लगा जैसे, ये मेरी ही कहानी हो ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
आपके इस लेख में वर्णित बातों को रोज की दिनचर्या में महसूस करते हैं। आपको इंसान के मनोविज्ञान की बारीकियां समझने का दीर्घ अनुभव है।
जवाब देंहटाएंनारायण सिंह