डॉक्टर एन. सी. मलिक के चमत्कारिक इलाज के बारे में पिछले ब्लॉग पर प्रतिक्रिया देते हुए दैनिक न्याय परिवार के वरिष्ठ पत्रकार श्री वृहस्पति शर्मा, जो कि आजकल जयपुर निवास करते हैं, ने भी अपना स्वयं का अनुभव शेयर किया है। वह हूबहू आपकी नजर:-
मै स्वयं इसका जीवंत उदाहरण हूं। वर्ष 1979 मे मुझे पेट मे भयंकर बीमारी हुई। कई माह तक परेशान रहा। अजमेर, जयपुर एवं उदयपुर के अनेक डॉक्टर्स को दिखाया। न जाने कितने टेस्ट, एक्स रे करवाये गये। खाने मे अधिकतर वस्तुएं बंद कर दी गई। लगता था जीवन का अंत नजदीक है। डॉक्टर्स को कुछ समझ नहीं आ रहा था। अंत मे यह फाइनल रहा कि ऑपरेशन किया जाएगा, तभी पता लगेगा कि वास्तव मे समस्या क्या है? ऑपरेशन से एक दिन पहले मैं एवं पत्नी आगरा गेट गणेश जी एवं हनुमान जी के मंदिर गये। जब हम वहां से आ रहे थे, तब मेरा एक मित्र मिला। उसने मेरी हालत देख कर सारी बात पूछी। मैने उसे सब कुछ बताया और यह भी बताया की कल ऑपरेशन है। उसने मेरे को कहा कि मेरी बात मानो, एक बार डॉक्टर मलिक साहब को दिखा लो। मैने कहा की मैं तो जानता ही नहीं हूं। उसने कहा मै जानता हूं एवं मैं उनके यहां जाता रहता हूं।
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डॉक्टर एन. सी. मलिक |
मैं अपनी सारी जांच रिपोर्ट्स, एक्स रे आदि लेकर डाक्टर मलिक के यहां भगवान का नाम लेकर गया। डॉक्टर साहब ने दो मिनट मेरी बात सुनी। मैने मेरी फाइल उनके आगे रखी। सच कहता हूं उन्होंने उसके हाथ भी नहीं लगाया। इसके अलावा उन्होंने सभी डॉक्टर्स के लिये जो शब्द यूज किए एवं जो गालियां दीं, मैं उनका यहां उल्लेख नहीं कर सकता। डॉक्टर साहब ने मुझे कहा कि जेन्टल मैन, तुम एक दम ठीक हो जाओगे। उन्होंने मुझे 10 दिन की दवा लिखी, जो शायद 15 रुपए की आई। जब मैने खाने के लिये पूछा तो उन्होंने कहा सब कुछ खाओ। उन्होंने यह भी कहा की 10 दिन के बाद आने की आवश्यकता नहीं है। सच कहता हूं, आधा तो मैं उसी वक्त ठीक हो गया। 10 दिन बाद मैं बिलकुल ठीक हो गया और आज तक मुझे फिर वो समस्या नहीं हुई। 10 दिन बाद मैं डॉक्टर साहब को धन्यवाद देने जरूर गया। डॉक्टर मलिक सच्चे मायने मे भगवान थे। उनके ऐसे अनेक किस्से हैं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com
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