रविवार, 6 फ़रवरी 2022

अपनी बात: बदलती संस्कृति का मिजाज

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

ताश के पत्ते बंटने के बाद उन्हीं पत्तों से खेलना पड़ता है

बहुत समय पहले एक उक्ति मेरी जानकारी में आई थी। आज आप से शेयर कर रहा हूं। वो ये है कि एक बार ताश के पत्ते बंट जाने के बाद फिर हमको उन्हीं पत्...