गुरुवार, 11 अगस्त 2022

रात से तन्हा लडे जुगनू की हिम्मत तो देखो

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

संपादक के भीतर का लेखक मर जाता है?

एक पारंगत संपादक अच्छा लेखक नहीं हो सकता। उसके भीतर मौजूद लेखक लगभग मर जाता है। यह बात तकरीबन तीस साल पहले एक बार बातचीत के दौरान राजस्थान र...