हमारे यहां कई प्रकार के टोटके प्रचलन में हैं। उनमें से एक दिलचस्प और उपयोगी टोटका आपकी नजर है।
यदि परिवार का कोई सदस्य खो जाए अथवा घर छोड़ कर चला जाए और उसका कोई पता न हो तो उसे वापस बुलाने के लिए घर में रखी आटे की चक्की, जिसे मारवाड़ी में घटूला व सिंधी में झंड कहा जाता है, उसे उलटा घुमाया जाता है। सलाह दी जाती है कि परिवार के जिस भी व्यक्ति को समय मिले, वह चक्की को कुछ समय तक उलटा घुमाता रहे। ऐसा बार-बार किया जाए। ऐसा करने पर घर से गया हुआ व्यक्ति लौट कर आ जाता है।
इस टोटके का भेद समझने की कोशिश की जाए तो यही प्रतीत होता है, जैसे ही चक्की को उलटा घुमाते हैं तो वहां निर्मित शक्ति घर से गए हुए व्यक्ति को अपनी ओर खींचती है। उसके मन में घर लौटने की भावना उत्पन्न करती है। खिंचाव अधिक होने पर वह लौट ही आता है। संभव है यह टोटका कोई भौतिक वस्तु के खोने पर भी काम आ सकता है क्योंकि हमारे साथ रहने के कारण उसमें भी हमारी प्राण शक्ति का अस्तित्व होता है।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com
यदि परिवार का कोई सदस्य खो जाए अथवा घर छोड़ कर चला जाए और उसका कोई पता न हो तो उसे वापस बुलाने के लिए घर में रखी आटे की चक्की, जिसे मारवाड़ी में घटूला व सिंधी में झंड कहा जाता है, उसे उलटा घुमाया जाता है। सलाह दी जाती है कि परिवार के जिस भी व्यक्ति को समय मिले, वह चक्की को कुछ समय तक उलटा घुमाता रहे। ऐसा बार-बार किया जाए। ऐसा करने पर घर से गया हुआ व्यक्ति लौट कर आ जाता है।
इस टोटके का भेद समझने की कोशिश की जाए तो यही प्रतीत होता है, जैसे ही चक्की को उलटा घुमाते हैं तो वहां निर्मित शक्ति घर से गए हुए व्यक्ति को अपनी ओर खींचती है। उसके मन में घर लौटने की भावना उत्पन्न करती है। खिंचाव अधिक होने पर वह लौट ही आता है। संभव है यह टोटका कोई भौतिक वस्तु के खोने पर भी काम आ सकता है क्योंकि हमारे साथ रहने के कारण उसमें भी हमारी प्राण शक्ति का अस्तित्व होता है।
-तेजवानी गिरधर
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सर माफ करना, मगर यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण के हिसाब से सही नहीं बैठता। मगर कुछ रवायतें बनी है, तो ठीक है अपनी जगह, इनसे किसी को नुकसान तो है नहीं। मगर घट्टी चलाने से कसरत जरूर हो जायेगी।
जवाब देंहटाएंआप अपनी जगह बिलकुल सही हैं
हटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
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