गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020

आदमी को स्तन क्यों होते हैं?

क्या आपके दिमाग में कभी यह सवाल आया है कि आदमी के स्तन क्यों होते हैं? उनका क्या उपयोग? औरतों को तो इसलिए होते हैं कि क्योंकि जब वह बच्चे को जन्म देती है तो उसके पोषण के लिए प्रकृति उनमें दूध उत्पन्न करती है, मगर आदमी के स्तन तो किसी भी काम के नहीं। आदमी का एक यही अंग ऐसा है, जिसका ताजिंदगी कोई उपयोग नहीं होता। आम तौर पर आदमी में ये अविकसित व सुप्त अवस्था में ही होते हैं। किसी-किसी के बड़े भी हो जाते हैं, मगर उनका कोई उपयोग नहीं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि प्रकृति ने आदमी को स्तन क्यों दिए?
मेरे जेहन में भी ये सवाल उभरा है। इसका जवाब तलाशने की बहुत कोशिश की, मगर फिलवक्त तक सटीक उत्तर नहीं मिल पाया है। हां, इतना जरूर समझ आया है कि यह इस बात का प्रतीक हैं कि आदमी में कुछ मात्रा में स्त्रैण हार्मोन भी होते हैं। होंगे ही, क्योंकि मनुष्य की उत्पत्ति स्त्री व पुरुष के मिलन से होती है और हर एक में दोनों के गुणसूत्र विद्यमान होते हैं। बस प्रतिशत का ही फर्क होता है, जिसकी वजह से कोई मेल तो कोई फीमेल पैदा होता है।
खैर, स्तन भले ही दूध की ग्रंथी है, मगर कहीं न कहीं इसका नस-नाडिय़ों के संतुलन से भी संबंध है। जब धरण टल जाती है तो नाड़ी वैद्य एक डोरी लेकर नाभि से पहले एक स्तन की दूरी नापता है और फिर दूसरे की। यदि दोनों की दूरी समान हो तो वह यही बताता है कि धरण नहीं टली है, पेट में दर्द किसी और वजह से है। यदि दूरी में फर्क आता है तो वह कहता है कि धरण टल गई है और झटके दे कर नाडिय़ों को संतुलित करता है। इसका मतलब ये हुआ कि जैसे नाभि पूरे शरीर की नस-नाडिय़ों का केन्द्र स्थान है, वैसे ही स्तन के बिंदु भी कहीं न कहीं नाडिय़ों के संतुलन का हिस्सा हैं।
दूसरी बात ये कि भले ही आदमी के स्तनों में दूध उत्पन्न नहीं होता, मगर हैं तो वे स्तन ही। भले ही सुप्त अवस्था में हों। यह नजरिया तब बना, जब ओशो के एक प्रवचन में यह सुना कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस काली माता की भक्ति में इतने लीन हो गए कि जीवन के आखिरी दौर में उनका शरीर स्त्रैण हो गया। उनके स्तन अप्रत्याशित रूप से बढ़ गए व उनमें से दूध टपकने लगा। इसके यही मायने हैं कि पुरुष के शरीर में जो स्तन हैं, वे वाकई स्तन ही हैं, तभी तो स्वामी रामकृष्ण के स्तनों में से दूध आने लगा।
चूंकि आदमी के स्तन प्रतीकात्मक हैं, इस कारण यदि किसी के स्तन बढ़ जाते हैं तो उसके लिए शर्मिंदगी का कारण बन जाते हैं। विज्ञान की भाषा में बात करें तो असल में यह एक बीमारी है, इसको गाइनेकॉमस्टिया कहते हैं। टेस्टोस्टेरोन या एस्ट्रोजन हार्मोन के असंतुलन के कारण पुरुषों के स्तन बढ़ते हैं।। वैज्ञानिक शोध में यह भी सामने आया है कि लैवेंडर और चाय के पौधों के तेल के कारण युवकों के स्तन असामान्य रूप से बढ़ जाते हैं। इन तेलों में आठ ऐसे केमिकल होते हैं, जो हमारे हार्मोन्स पर प्रभाव डालते हैं। ज्ञाातव्य है कि लैवेंडर और टी ट्री पौधों से जुड़े तेल कई उत्पादों में पाए जाते हैं। साबुन, लोशन, शैम्पू और बाल संवारने वाले उत्पादों में इन तेलों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा भी पाया गया है कि जिन लोगों ने इन तेलों का इस्तेमाल बंद किया तो उन्हें बढ़ते स्तन को काबू में करने में मदद मिली है।
जानकारी के अनुसार पुरुषों के स्तन बढऩे के मामले बढऩे लगे हैं। उसकी वजह हार्मोनल चैंजेज के साथ जिम जाने वालों में स्टेरॉयड का प्रयोग करने व लाइफ स्टाइल से जुड़े मामले इसके लिए जिम्मेदार हैं।
आखिर में एक रोचक बात। हालांकि ये अपवाद मात्र है, मगर है दिलचस्प। यह एक सामान्य सी बात है कि जो युवती गर्भ धारण करती है तो उसका जी मिचलाने लगता है। यदि यही समस्या पिता बनने वाले युवक के साथ भी हो तो चौंकना स्वाभाविक है। एक खबर के मुताबिक 29 साल के हैरिस ऐशबे की मंगेतर को उनका पहला बच्चा होने वाला था। हैरिस का भी जी मिचलाने लगा। उसके स्तन बढऩे लगे। डॉक्टरों ने बताया कि वह एक तरह के मेडिकल कंडिशन का शिकार हो गया है, जिसे कौवेड सिंड्रोम कहते हैं।

-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com

5 टिप्‍पणियां:

  1. सटीक विश्लेषण । सार्वजनिक जीवन में लगभग अछूत विषय पर प्रभावी आलेख । बधाई 🌹। - ✍️ मोहन थानवी

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  2. ईश्वर की माया वही जाने
    संसार में हर एक वस्तु उपयोगी है, कई जीव ऐसा लगता है कि अगर नहीं होते तो ईश्वर का क्या बिगड़ता, जैसे मच्छर , पता नहीं इसका क्या सोचकर इसे कुदरत ने बनाया पर् देखा जाय तो कई डॉक्टरों, दवाखानों, दवा कंपनियों और उनमें काम करने वालों का परिवार चलता है।
    पुरुष के स्तनों की बात पर् आपने खूब सटीक टिप्पणी की है, और भी कई सवाल हैं जैसे पुरुष हो या स्त्री अगर ईश्वर उन्हें अंडर आर्म और जननेंद्रयों के आस पास बाल नहीं देता तो उसका क्या बिगड़ता, पर् इसके भी सटीक जवाब हैं , यह भी अच्छा विषय है तेजवानी जी इस पर् भी शोध ज़रूर करेंगे ऐसा हमारा आग्रह है।

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    1. आपने नए विषय की ओर ध्यान खींचा है, इस पर भी शोध करेंगे

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