रविवार, 13 सितंबर 2020

कॉर्नर का मकान सबसे खराब

शहर के सुपरिचित बुद्धिजीवी श्री कमल गर्ग ने एक बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी है। आपके समक्ष प्रस्तुत है:-

सभी लोग कॉर्नर का मकान लेना चाहते हैं ,या प्लॉट लेना चाहते हैं, मेरे हिसाब से सबसे ज्यादा खराब होता है| इसी प्रकार तिराहे का प्लॉट या *टी* पर स्थित प्लाट होते हैं इसकी वजह इस तरह से बता सकता हूं कि कार्नर प्लॉट पर दो तरफ से प्रदूषण होगा(हवा, धूल एवं आवाज) ट्रैफिक न्यूसेंस दो तरफ रहेगा, दो तरफ बिजली की लाइनें और पानी की लाइन होगी ,उनके वॉल्व, उनके पोल और पोल कें स्टे आदि लगे होंगे इसके अलावा सीवरेज लाइन उनके चेम्बर,नाली / नाला दोनों तरफ बने होने से सीलन- बदबू दोनों और रहेंगे, केवल दोनों और ही नहीं बल्कि तीन से चार गुना क्योंकि प्लाट चोडाई से दो गुना या ज्यादा लम्बाई के होते हैं। टेलीफोन की लाइन या टेलीफोन केबल,अब गेस (ईंधन)की लाईन आदि आदि। कभी इधर मरम्मत तो कभी उधर मरम्मत। मोड़ पर कोई रैम्प या गेट बनाने की स्थिति में हमेशा दुर्घटना का अंदेशा रहेगा, दो तरफ एलिवेशन का सुधार करके अतिरिक्त व्यय करना होगा, दो तरफ गेट देकर उनकी सुरक्षा भी महंगी होगी, इस प्रकार कई ऐसे मसले हैं जो कॉर्नर के प्लॉट के लिए होते हैं । यदि आपका मकान टी पोजिशन पर है तो आने वाले वाहन की हेड लाइट से तेज रोशनी बार बार ओर लगातार आपके मकान पर आयेगी टी पर लेफ्ट या राइट मुडने वाला हार्न बजायगें जो प्रदूषण का कारण बनेगा।कार्नर के मकान पर टर्न करने वाला हार्न बजायगें यदि ट्रेन फगक सिडनल हुआ तो सिगनल पर रुकने से प्रदूषण बढेगा इसके अतिरिक्त मेन रोड पर रिहायशी मकान घातक होता है उसकी वजह प्रदूषण (हवा ,धूल और आवाज का ) हमेशा बना रहता है आपकी प्राइवेसी, आपके मकान के सामने चुनाव जलूस या अन्य समय लाउडस्पीकर एवं डी.जे की तेज आवाज, पार्किगं (अनधिकृत रूप से करने ) की समस्या रहती है। दोनों स्थितियों मे ।इन सब के अलावा इनकी कीमत ज्यादा देनी होती है, पंजीकरण का खर्चा 10% अधिक होता है । तथ्य और भी हैं,जैसे सेटबैक अधिकांश मामले मे चारों ओर छोडना पडता है जिससे कवर एरिया कम मिलता है वास्तु के अनुसार भी यदि सामना पूर्व मे है तो 50% स्थिति मे एक साइड दक्षिण दिशा मे होगी। यदि पश्चिम दिशा मे है तो भी एक साइड 50% मामले में दक्षिण दिशा होगी। यह पिछले 58 वर्षों के मेरे अनुभव पर आधारित हैं *कमलगर्ग* आर्किटेक्ट वास्तु विद पुलिस लाइन अजमेर श्री गर्ग जाने-माने श्रमिक नेता रहे हैं। प्रथम वर्ष कला इंटर ड्राइंग मुम्बई, जी. डी. आर्च, फोटोग्राफी में रीजनल कॉलेज से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त और औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र से सिविल नक्शा नवीस डिप्लोमा किए हुए हैं। उन्होंने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को सन् 1963 से सेवाएं दीं और जुलाई 2000 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर नगर निगम व नगर सुधार न्यास के अधिकृत तकनीकी विज्ञ (नक्शा स्वीकृत करने हेतु) के रूप में काम शुरू किया। वर्तमान में अनुपम आर्कीटेक्चुरल वक्र्स का संचालन कर रहे हैं।  लेखन के प्रति भी उनका रुझान रहा है और उन्होंने अनेक संगठनों की स्मारिकाओं का संपादन किया। उनसे 9414725669 पर संपर्क किया जा सकता है।

6 टिप्‍पणियां:

  1. मेरे नजरिए से गलत अनुभव है उनका।
    क्योंकि मैंने2016 में मकान लिया था।
    कॉर्नर का है व मुझे कोई दिक्कत नही है।

    जवाब देंहटाएं
  2. बिल्कुल सही लिखा है
    हमारा भी कौर्नर है
    लेकिन प्रकृति के अनमोल उपहार
    धूप रौशनी हवा डबल से भी बहुत अधिक मिलते हैं

    जवाब देंहटाएं
  3. Maneesh Prakash जी मै आपसे सहमत हुं ,मेरे बहुत से मित्रों के मकान कॉर्नर के है, और वो बिल्कुल आनंद में है, मगर कुछ परिस्थियों में ऐसा हो सकता है। मगर बहुत अच्छी जानकारी लिखी है सर.

    जवाब देंहटाएं

शरीर के सर्वांग विकास के लिए षट् रस जरूरी

भारतीय भोजन की विशेषता यह है कि इसमें विभिन्न रसों का समावेश होता है, जिन्हें मिलाकर संपूर्ण भोजन तैयार किया जाता है। भारतीय खाने में शट् रस...