मंगलवार, 11 मई 2021

हिंदू धर्म में छिपकली लक्ष्मी का प्रतीक तो इस्लाम में दुश्मन नंबर वन


यह एक अजीबोगरीब तथ्य है कि छिपकली जहां हिंदू धर्म में लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है, तो वहीं इस्लाम में उसे इंसान का दुश्मन नंबर वन माना जाता है। विशेष रूप से दीपावली के दिन घर में छिपकली दिखाई दे जाए तो समझा जाता है कि लक्ष्मी आने वाली है। इसके विपरीत हदीस में उसे देखते ही मान डालने का हुक्म है।

आइये, पहले हिंदू मान्यता की बात करते हैं। हिंदू शास्त्रों में प्रचलित शकुन शास्त्र के अनुसार छिपकली का किसी विशेष समय पर दिखना, जमीन पर या शरीर पर गिरना भविष्य की शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत होता है। इसके अलावा छिपकली शरीर के किस खास हिस्से पर गिरी है, इससे भी भविष्य की शुभ-अशुभता जुड़ी होती है। शास्त्रों के अनुसार छिपकली यदि दीपावली की रात घर में दिखाई दे जाए तो इसे लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उसके आने से वर्षों के लिए वह घर सुख-समृद्धि को प्राप्त कर लेता है। इसीलिए उसे पूजनीय प्राणी माना जाता है। इसका पूजन करने से धन संबंधी समस्याओं का अंत हो जाता है। इसके लिए एक टोटका भी है। आपको घर में दीवार पर छिपकली दिखे तो तुरंत मंदिर में रखा कंकू-चावल ले आएं और इसे दूर से ही छिपकली पर छिड़क दें। ऐसा करते हुए अपने मन की मुराद पूरी हो जाती है। मान्यता ये भी है कि दीपावली के दौरान मरी हुई छिपकली आपके सामने आ जाए तो ये एक अशुभ संकेत माना जाता है। सफाई करते हुए यदि कोई छिपकली या उसका बच्चा मर जाए तो तुरंत उसका संस्कार कर दें। इससे आप हत्या के पाप से बच जाएंगे और मां लक्ष्मी भी नाराज नहीं होगीं। यदि आपको छिपकली का बोलना सुनाई दे तो समझ जाइएगा कि आपको कोई शुभ समाचार सुनाई देने वाला है। छिपकली के विभिन्न अंगों पर गिरने के भिन्न-भिन्न प्रतिफल भी बताए जाते हैं। उस पर चर्चा फिर कभी।

अब बात करत हैं कि इस्लाम छिपकली को किस रूप में देखता है। हदीस में बताया गया है कि जैसे ही घर में छिपकली दिखाई दे तो उसे तुरंत मार डालें। इससे हजारों नेकियां मिलेंगी। अगर पहली बार में नहीं मारा और दुबारा दिखाई देने पर मारा तो कुछ कम नेकी मिलेगी। इसी प्रकार दूसरी बार न मारने व तीसरी बार देखने पर मारा तो और कम नेकी मिलेगी।

इस्लाम के जानकार एक प्रसंग बताते हैं। वो यह कि जब हजरत इब्राहिम अलेहइस्लाम को आग में डाला जा रहा था तो जमीन के जितने भी जीव-जंतु थे वे उनको बचाने के लिए दौड़ पड़े थे, जबकि अकेली छिपकली बचाने की बजाय फूंक मार कर आग को और तेज करने की कोशिश कर रही थी। जो प्राणी हजरत इब्राहिम का दुश्मन हो, वह इंसान का भी दुश्मन ही कहलाएगा।  मान्यता ये भी है कि छिपकली ने शैतान को वादा किया था कि वह इंसान को दुख पहुंचाएगी। छिपकली के खून को नापाक भी बताया गया है।

कुल मिला कर यह तथ्य वाकई अजीबोगरीब व विरोधाभासी है कि अलग- अलग धर्म में छिपकली को भिन्न-भिन्न रूप में देखा जाता है। हिंदू धर्म उसकी पूजा करने की सलाह देता है तो इस्लाम उसे तुरंत मार देने का हुक्म देता है।

-तेजवानी गिरधर

7742067000

tejwanig@gmail.com 

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