बुधवार, 4 मई 2022

रहिमन धागा प्रेम का मत तोडो छिटकाय

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

संपादक के भीतर का लेखक मर जाता है?

एक पारंगत संपादक अच्छा लेखक नहीं हो सकता। उसके भीतर मौजूद लेखक लगभग मर जाता है। यह बात तकरीबन तीस साल पहले एक बार बातचीत के दौरान राजस्थान र...