यूट्यूब पर कई चैनलों में बताया गया है कि नमाज से पहले अजान की आवाज सुन कर कुत्ते भौंकते व रोते हैं। बाकायदा उसका लाइव डेमो भी दिखाया गया है। उसमें बताया गया है कि जैसे ही अजान की आवाज आती है, शैतान व आसमानी बलाएं भागने लगती हैं। वे हमें तो नहीं दिखाई देतीं, मगर कुत्तों को दिखाई दे जाती हैं। शैतान व बलाओं को भागता देख कर कुत्ते भौंकते व रोते हैं।
इसी कड़ी में मैं भी एक बात जोडऩा चाहता हूं। शाम के वक्त जब मेरी धर्मपत्नी शंख बजाती है तो घर के बाहर बैठे गली के कुत्ते रोने की आवाजें निकालने लगते हैं। यदि इसकी तुलना अजान के वाकये से जोड़ कर देखें तो यही अर्थ निकलता है कि शंख की ध्वनि सुन कर भी शैतानी ताकतें भागती होंगी और उन्हें देख कर कुत्ते रोने लगते होंगे। हो सकता है कि ये सच हो, मगर मेरी समझ कहती है कि ऐसा इस वजह से भी होता होगा कि अजान की लंबी अलाप व शंख की आवाज सुन कर कुत्तों के गले में भी ऐसी ही हू हू करने की खुजली मचती होगी। इस कारण वे लंंबी हू की आवाज निकालते हैं, जो कि रोने जैसी होती है। इसे आप यूं भी आजमा सकते हैं कि कभी कुत्तों के रोने जैसी आवाज निकाल कर देखिए, आसपास जो कुत्ते होंगे, वे भी वैसी ही आवाज निकालना शुरू कर देेंगे। यह ठीक वैसे ही है, जैसे कोई गधा जब रैंकता है तो अन्य गधे भी रैंकना शुरू कर देते हैं। जंगल में इसी प्रकार की हरकत सियार भी किया करते हैं। एक सियार के रोने पर अन्य सियार भी रोने लगते हैं।
वैसे यह भी आम जिस गली में या किसी के मकान के बाहर रात के वक्त कुछ दिन तक कुत्ता लगातार रोता है तो वहां किसी न किसी की मौत हो जाती है। धारणा यही है कि उसे यमदूत दिखाई देते हैं, जिन्हें देख कर रोता है। हालांकि ऐसी मनहूस आवाज निकालने पर हम कुत्ते को भगा देते हैं, मगर सच ये है कि वह हमें इशारा कर रहा होता है।
इसी कड़ी में मैं भी एक बात जोडऩा चाहता हूं। शाम के वक्त जब मेरी धर्मपत्नी शंख बजाती है तो घर के बाहर बैठे गली के कुत्ते रोने की आवाजें निकालने लगते हैं। यदि इसकी तुलना अजान के वाकये से जोड़ कर देखें तो यही अर्थ निकलता है कि शंख की ध्वनि सुन कर भी शैतानी ताकतें भागती होंगी और उन्हें देख कर कुत्ते रोने लगते होंगे। हो सकता है कि ये सच हो, मगर मेरी समझ कहती है कि ऐसा इस वजह से भी होता होगा कि अजान की लंबी अलाप व शंख की आवाज सुन कर कुत्तों के गले में भी ऐसी ही हू हू करने की खुजली मचती होगी। इस कारण वे लंंबी हू की आवाज निकालते हैं, जो कि रोने जैसी होती है। इसे आप यूं भी आजमा सकते हैं कि कभी कुत्तों के रोने जैसी आवाज निकाल कर देखिए, आसपास जो कुत्ते होंगे, वे भी वैसी ही आवाज निकालना शुरू कर देेंगे। यह ठीक वैसे ही है, जैसे कोई गधा जब रैंकता है तो अन्य गधे भी रैंकना शुरू कर देते हैं। जंगल में इसी प्रकार की हरकत सियार भी किया करते हैं। एक सियार के रोने पर अन्य सियार भी रोने लगते हैं।
वैसे यह भी आम जिस गली में या किसी के मकान के बाहर रात के वक्त कुछ दिन तक कुत्ता लगातार रोता है तो वहां किसी न किसी की मौत हो जाती है। धारणा यही है कि उसे यमदूत दिखाई देते हैं, जिन्हें देख कर रोता है। हालांकि ऐसी मनहूस आवाज निकालने पर हम कुत्ते को भगा देते हैं, मगर सच ये है कि वह हमें इशारा कर रहा होता है।
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