हालांकि ज्योतिष के माध्यम से भविष्य जानने में मेरी कोई रुचि नहीं रही, मगर कुछ काल तक उतार-चढ़ाव अधिक होने पर इच्छा हुई कि मेरे भविष्य के बारे में जानकारी हासिल करूं। इस सिलसिले में चार-पांच ज्योतिषियों से संपर्क साधा तो उनमें से सभी ने यही कहा कि आगामी कुछ माह में आपके सितारे बुलंदी पर होंगे। लोकप्रियता शिखर पर होगी। मगर ऐसा कुछ हुआ नहीं। उसकी वजह क्या रही, मुझे आज तक समझ में नहीं अया।
भविष्य जानने की इस यात्रा में सबसे पहले मेरे एक सहयोगी की चचेरी बहिन, जो कि कुंडली, टैरो व तंत्र-मंत्र की गहरी जानकार हैं, उनसे मिला। उन्होंने कुछ तांत्रिक उपाय बताए, जो कि वाकई सौ फीसदी कारगर रहे। कुछ दिन बाद उन्होंने बताया कि यदि आपकी कुंडली सही है तो आपके गर्दिश के दिन समाप्त हो जाएंगे और आपकी प्रसिद्धि चरम पर होगी। जब यह भविष्यवाणी असत्य साबित हुई तो उन्होंने अपने गुरू से मिलवाया। उन्होंने भी यही कहा कि जल्द ही आप इतने ऊंचे ओहदे पर पहुंचने वाले हैं कि हमें आपसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा। वह भविष्यवाणी भी फलित नहीं हुई। इसके बाद मेरे एक वरिष्ठ साथी पत्रकार मुझे केकड़ी के पास एक गांव में ले गए। वहां जिन ज्योतिषी से मिलवाया, वे करीब 90 साल के थे और विशेष रूप से अंक ज्योतिष व कुंडली के जानकार थे। जैसे ही हमने उनकी बैठक में प्रवेश किया, उन्होंने हमारे आने का समय नोट कर लिया। जब हमारा नंबर आया तो उन्होंने कहा कि क्या कुंडली ले कर आए हो। मैने कहा कि हां, ओर मैने कुंडली उनके हाथ में थमा दी। उन्होंने कुंडली को बिना देखे ही साइड में रख दिया। फिर मेरे चेहरे की ओर देखने लगे व मारवाड़ी भाषा में कुछ दोहे बुदबुदाते हुए आसमान में ही काल्पनिक कुंडली बनाने लगे। उन्होंने विभिन्न ग्रहों को अलग-अलग खाने में बैठने का आदेश दिया। तत्पश्चात कागज पर कुंडली बनाई व मेरे द्वारा लाई गई कुंडली से मिलान करके दिखाया। कुंडल हूबहू मेल खा रही थी। उन्होंने मेरे परिवार व शिक्षा आदि की जानकारी दी, वह भी शत प्रतिशत सही थी। इसके बाद मारवाड़ी में बोले- अठे क्यूं आयो। थने कठे ही जाबा की जरूरत कोनी। थारा ठंका बोलवा वाला है। खूब नाम होसी। कोई उपाय भी करबा की जरूरत कोनी। यह भविष्यवाणी भी असफल हुई।
इसके बाद संयोग से एक अध्ययनशील ज्योतिषी मेरे घर आए। उनसे मैने पूछा कि आखिर क्या वजह है कि सारी भविष्यवाणियां झूठी निकल रही हैं। क्या कुंडली में कोई गड़बड़ है या फिर कुंडली का जो विज्ञान है, उसकी कोई सीमा है। उन्होंने बताया कि यह सही है कि कुंडली में जीवन के सारे भावों की गणना होती है, उसके बाद भी कुछ छूट जाता है। पकड़ से बाहर रह जाता है। विशेष रूप कुल देवी अथवा पूर्वजों की नाराजगी को हम नहीं समझ पाते हैं।
एक अन्य ज्योतिषी ने कहा कि वे सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं, मगर कुंडली सही बनी हुई होनी चाहिए। उन्होंने इस सिलसिले में भीलवाड़ा के एक ज्योतिषी से मिलने को कहा, जो कि सटीक जन्म समय बता देते हैं। मैने उनसे मुलाकात की तो चकित रह गया। उन्होंने मेरी ओर देखा व केल्कूलेटर पर बड़ी तेजी से गणना शुरू कर दी। मेरे पिता व दादा का नाम बता दिया। परिवार के बारे में भी पूरी जानकारी दी। फिर मेरा जन्म दिन व जन्म समय भी बता दिया। कुंडली से मिलान करने पर वही समय उस पर अंकित था। उन्होंने भी शानदार समय आने की भविष्यवाणी की और कहा कि उनकी नब्बे फीसदी बातें सही साबित होंगी। केवल एक प्रतिशत त्रुटि रह सकती है।
खैर, उसके बाद मैने किसी भी ज्योतिषी से संपर्क नहीं किया। ये सोचा कि शायद यही एक प्रतिशत है, जो कि कुंडली में पकड़ में नहीं आता।
यह ब्लॉग लिखने का मात्र इतना मकसद है कि अगर कोई ज्योतिषी उस एक प्रतिशत की भी गणना करना जानता हो तो कृपया मुझे जानकारी दीजिए।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com
भविष्य जानने की इस यात्रा में सबसे पहले मेरे एक सहयोगी की चचेरी बहिन, जो कि कुंडली, टैरो व तंत्र-मंत्र की गहरी जानकार हैं, उनसे मिला। उन्होंने कुछ तांत्रिक उपाय बताए, जो कि वाकई सौ फीसदी कारगर रहे। कुछ दिन बाद उन्होंने बताया कि यदि आपकी कुंडली सही है तो आपके गर्दिश के दिन समाप्त हो जाएंगे और आपकी प्रसिद्धि चरम पर होगी। जब यह भविष्यवाणी असत्य साबित हुई तो उन्होंने अपने गुरू से मिलवाया। उन्होंने भी यही कहा कि जल्द ही आप इतने ऊंचे ओहदे पर पहुंचने वाले हैं कि हमें आपसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा। वह भविष्यवाणी भी फलित नहीं हुई। इसके बाद मेरे एक वरिष्ठ साथी पत्रकार मुझे केकड़ी के पास एक गांव में ले गए। वहां जिन ज्योतिषी से मिलवाया, वे करीब 90 साल के थे और विशेष रूप से अंक ज्योतिष व कुंडली के जानकार थे। जैसे ही हमने उनकी बैठक में प्रवेश किया, उन्होंने हमारे आने का समय नोट कर लिया। जब हमारा नंबर आया तो उन्होंने कहा कि क्या कुंडली ले कर आए हो। मैने कहा कि हां, ओर मैने कुंडली उनके हाथ में थमा दी। उन्होंने कुंडली को बिना देखे ही साइड में रख दिया। फिर मेरे चेहरे की ओर देखने लगे व मारवाड़ी भाषा में कुछ दोहे बुदबुदाते हुए आसमान में ही काल्पनिक कुंडली बनाने लगे। उन्होंने विभिन्न ग्रहों को अलग-अलग खाने में बैठने का आदेश दिया। तत्पश्चात कागज पर कुंडली बनाई व मेरे द्वारा लाई गई कुंडली से मिलान करके दिखाया। कुंडल हूबहू मेल खा रही थी। उन्होंने मेरे परिवार व शिक्षा आदि की जानकारी दी, वह भी शत प्रतिशत सही थी। इसके बाद मारवाड़ी में बोले- अठे क्यूं आयो। थने कठे ही जाबा की जरूरत कोनी। थारा ठंका बोलवा वाला है। खूब नाम होसी। कोई उपाय भी करबा की जरूरत कोनी। यह भविष्यवाणी भी असफल हुई।
इसके बाद संयोग से एक अध्ययनशील ज्योतिषी मेरे घर आए। उनसे मैने पूछा कि आखिर क्या वजह है कि सारी भविष्यवाणियां झूठी निकल रही हैं। क्या कुंडली में कोई गड़बड़ है या फिर कुंडली का जो विज्ञान है, उसकी कोई सीमा है। उन्होंने बताया कि यह सही है कि कुंडली में जीवन के सारे भावों की गणना होती है, उसके बाद भी कुछ छूट जाता है। पकड़ से बाहर रह जाता है। विशेष रूप कुल देवी अथवा पूर्वजों की नाराजगी को हम नहीं समझ पाते हैं।
एक अन्य ज्योतिषी ने कहा कि वे सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं, मगर कुंडली सही बनी हुई होनी चाहिए। उन्होंने इस सिलसिले में भीलवाड़ा के एक ज्योतिषी से मिलने को कहा, जो कि सटीक जन्म समय बता देते हैं। मैने उनसे मुलाकात की तो चकित रह गया। उन्होंने मेरी ओर देखा व केल्कूलेटर पर बड़ी तेजी से गणना शुरू कर दी। मेरे पिता व दादा का नाम बता दिया। परिवार के बारे में भी पूरी जानकारी दी। फिर मेरा जन्म दिन व जन्म समय भी बता दिया। कुंडली से मिलान करने पर वही समय उस पर अंकित था। उन्होंने भी शानदार समय आने की भविष्यवाणी की और कहा कि उनकी नब्बे फीसदी बातें सही साबित होंगी। केवल एक प्रतिशत त्रुटि रह सकती है।
खैर, उसके बाद मैने किसी भी ज्योतिषी से संपर्क नहीं किया। ये सोचा कि शायद यही एक प्रतिशत है, जो कि कुंडली में पकड़ में नहीं आता।
यह ब्लॉग लिखने का मात्र इतना मकसद है कि अगर कोई ज्योतिषी उस एक प्रतिशत की भी गणना करना जानता हो तो कृपया मुझे जानकारी दीजिए।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com
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